कांग्रेस ने AAP से पूछ डाले ये सवाल: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और उसके बाद केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के बाद से राजधानी में सियासी बवाल की स्थिति है। इस मसले पर शुरू से ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन सक्रिय हैं। उन्होंने एक ट्वीट कर सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम विशेषाधिकार की मांग कर खुद की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए विशेष हैसियत हासिल करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्रियों का क्या होगा
कांग्रेस ने AAP से पूछ डाले ये सवाल: सीएम कजरीवाल दिल्ली के लिए उन अधिकारों की मांग की जिद पर अड़े हैं, जिसे देश की आजादी के बाद से अभी तक किसी सरकार ने स्वीकार नहीं किया. फिलहाल, मेरे लिए खुशी की बात यह है कि आप नेता अब उन बातों को स्वीकार करने लगे हैं, जिसे उनके सामने पहले ही उठा चुका हूं। उन्होंने कहा कि मैंने, कभी दावा नहीं किया कि शीला दीक्षित जी ने पूर्ण राज्य का दर्जा या विस्तारित अधिकार नहीं मांगा।
कांग्रेस ने AAP से पूछ डाले ये सवाल: सीएम अरविंद केजरीवाल उस विशेषाधिकार की हैसियत को हासिल करना चाहते हैं। जिसे पाने का प्रयास पूर्व सीएम शीला दीक्षित, मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज ने भी किया था। तत्कालीन प्रधामंत्रियों ने इन सभी से समय-समय पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने से साफ इनकार कर दिया था. ऐसे में आप के नेता मेरे उस सवाल का जवाब दें जो मैं उनसे पूछ रहा हूं। पहला, क्या केजरीवाल की मांग समर्थन कर वर्तमान केंद्र सरकार पूर्व के कई सम्मानित नेताओं के फैसलों और उनके ज्ञान के खिलाफ नहीं चले जाएंगे। अगर केंद्र का अध्यादेश पास नहीं होता तो केजरीवाल एक विशेष हैसियत वाले शख्स के रूप में उभरकर सामने आएंगे। ऐसे में पूर्व के उन मुख्यमंत्रियों का क्या होगा, जो पहले ही दिल्ली के लिए विशेष अधिकार की मांग कर चुके हैं।
अजय माकन ने ट्वीट
अजय माकन ने अपने ट्वीट में इस बात का भी जिक्र किया कि 21 अक्टूबर 1947 को बाबा साहब अम्बेडकर, 1951 और 1956 में पंडित नेहरू और सरदार पटेल, 1964 में लाल बहादुर शास्त्री ने गृह मंत्री के रूप में और 1965 में प्रधान मंत्री के रूप में, 1991 में पीवी नरसिम्हा राव, 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी और 2014 तक पूर्व पीएम मनमोहन सिंह तक ने दिल्ली को वो अधिकार नहीं दिया जो पूर्व के मुख्यमंत्रियों ने उनसे मांगा था. वर्तमान में सीएम अरविंद केजरीवाल भी पीएम नरेंद्र मोदी से वहीं मांग रहे हैं जो पहले के पीएम देने से इनकार कर चुके हैं.
दिल्ली को और अधिक शक्ति नहीं मिलने के बावजूद पूर्व के सभी मुख्यमंत्रियों ने सेवा करने के अपने इरादे के कारण दिल्ली के विकास में सराहनीय काम किया. दुर्भाग्य से केजरीवाल में वो गुण नहीं है पहले के सीएम में था. दिल्ली को और अधिकार मिलने की मांग की जिद के पीछे अरविंद केजरीवाल का एकमात्र लक्ष्य अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाना और खुद को सियासी तौर पर मजबूत करना है