शुक्रवार, जुलाई 26, 2024
होमLifestyleक्यों लगी थी Ramayan पर रोक, जानिए इसके पीछे की कहानी

क्यों लगी थी Ramayan पर रोक, जानिए इसके पीछे की कहानी

1987 में भारत की सबसे हिट सीरियल रामानंद सागर (Ramanand Sagar) द्वारा रचित रामायण  (Ramayan) की बात करेगें कि वह किन वजहों से इसको दूरदर्शन पर टेलीकास्ट किए जाने पर रामानंद सागर (Ramanand Sagar) को 2 साल तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े थे।

रामायण को दूरदर्शन ने किया था रिजेक्ट:

जी हां रामानंद सागर (Ramanand Sagar) के बेटे प्रेम सागर ने अपने किताब एन एपिक लाइफ: रामानंद सागर फ्रॉम बरसात टू रामायण’ (An Epic Life: Ramanand Sagar From Barsaat To Ramayan) में बताया था कि रामानंद सागर के लिए दूरदर्शन चैनल पर ‘रामायण’ का टेलीकास्ट करवाना आसान नहीं था। इस पर रोक लगाने के लिए दूरदर्शन के मालिक से लेकर सरकार तक, सभी ने पूरी कोशिश की किसी को भी रामानंद सागर का ‘रामायण’ पर शो बनाने का आइडिया पसंद नहीं आया था रामानंद ने ‘रामायण’ के तीन पायलट एपिसोड बनाए थे और तीनों रिजेक्ट कर दिए गए।

 

  दूरदर्शन को रामानंद सागर ने करवाया था राजी

एक टाइम ऐसा आया कि रामानंद परेशान हो गए थे। एक तो उनका समय जा रहा था और ऊपर से पैसे भी खर्च हो रहे थे। हालांकि, रामानंद हार मानने वालों में से नहीं थे। उन्होंने इस प्रोजेक्ट को पास कराने के लिए काफी अपमान झेला, लोगों ने ‘रामायण’ के डायलॉग्स का मजाक बनाया, उन्हें दफ्तर के बाहर घंटों खड़े रहना पड़ा, लेकिन वह अपने सपने के लिए डटे रहे. उनकी मेहनत तब रंग लाई जब दूरदर्शन ने इस प्रोजेक्ट को पास किया।

 

सरकार बनी थी अड़चन

रामानंद सागर ने राहत की तो सांस ली थी, लेकिन उनकी मुश्किल यहां कम नहीं हुई थी। उनके लिए अगली चुनौती सरकार को मनाना था. दो सालों तक रामानंद सरकार और दूरदर्शन को मनाते रहे। दूरदर्शन माना, फिर सरकार को मनाने के लिए रामानंद निकल गए। फिर एक घड़ी आई, जब उनका सपना पूरा हुआ।

जब 1986 में सूचना और प्रसारण मंत्री की कुर्सी पर अजित कुमार पांजा बैठे तो उन्होंने रामानंद सागर के इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी और फिर 1987 में इसका टेलीकास्ट शुरू किया गया. उस वक्त ‘रामायण’ ने सक्सेस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। घर-घर में तय समय पर लोग सारा काम छोड़कर टीवी पर ‘रामायण’ देखते थे। जिनके पास टीवी नहीं होता था, वो दूसरों के घर में बैठकर इस शो का लुत्फ उठाते थे।

33 साल बाद इस सीरियल को पुन: दिखाया गया लॉकडाउन के समय इस सीरियल का प्रसारण किया गया जिस दर्शकों का जबरदस्त प्यार मिला उस समय जब टीवी का इतना प्रसार भी नहीं हुआ था तब इस सीरियल को करीब 10 करोड़ लोग हर सप्ताह देखते थे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments