Nawazuddin Siddiqui: अपने अभिनय के लिए चर्चा में रहने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। अभिनेता इस समय अक्सर अलग-अलग मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रख रहे हैं। इसी क्रम में हाल ही में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने डिप्रेशन पर बात की है।
Nawazuddin Siddiqui: अभिनेता ने इस बीमारी को लेकर बड़ी बात कहते हुए कहा कि डिप्रेशन एक शहरी कॉन्सेप्ट है, पैसे का प्रतिफल है और यह उन लोगों के लिए मौजूद नहीं है, जिनके पास विशेष अधिकार नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक छोटे से शहर बुढ़ाना में पैदा हुए अभिनेता का मानना है कि ग्रामीण लोगों में यह बीमारी नहीं है।
हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में, नवाजुद्दीन ने कहा कि गांवों के लोगों के लिए डिप्रेशन एक एलियन जैसी चीज है। अभिनेता बोले, ‘मैं एक ऐसी जगह से आया हूं जहां, अगर मैं अपने पिता को बताता कि मैं उदास महसूस कर रहा हूं, तो वह मुझे एक जोरदार थप्पड़ मार देते… डिप्रेशन वहां नहीं था, किसी को भी नहीं होता वहां डिप्रेशन, सब खुश हैं। गांव में सब खुश हैं। लेकिन मुझे शहर में आने के बाद एंग्जायटी, डिप्रेशन, बाइपोलर के बारे में पता लगा।’ अभिनेता ने यह भी कहा, ‘यह शहर में आके होती है, यहां पर हर आदमी अपने छोटे इमोशंस को भी बहुत ग्लोरिफाई करता है।’
नवाजुद्दीन के अनुसार, आम, वंचित लोग अपने जीवन और परिस्थितियों का अधिकतम लाभ उठाते हैं, पैसे वालों से विपरीत, जो आमतौर पर ऐसी बीमारियों को अनुबंधित करते हैं। ‘यदि आप किसी मजदूर से या फुटपाथ पर सो रहे किसी व्यक्ति से पूछें, की डिप्रेशन क्या है? जब बारिश होती है, तब भी वे नाचते हैं, उनको डिप्रेशन नहीं पता होता। जब आपके पास पैसे आ जाते हैं तो इस तरीके की बीमारियां आ जाती हैं।’