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55 वें स्थापना दिवस में हनुमान जी (बालाजी) महाराज के कटोरी श्रृंगार की बिखरी छटा – चोला अभिषेक, विप्रार्चन, ब्रह्मभोज के साथ भजन-कीर्तन का दौर चला


हाथरस (नवीन वार्ष्णेय) :

जय जय जय हनुमान गुसांई, कृपा करहुं गुरुदेव की नाई। हनुमान चालीसा की यह लाइनें जब दर्जनों भक्तों के मुंख से एक साथ उच्चारित हुई तो माहौल भक्ति के संमंदर डूब गया। हर ओर भक्त झूम रहे थे और घंटा, घड़ियाल की धुन प्रफुल्लित कर रही थी। क्योंकि मौका जो हनुमान जी (बालाजी) महाराज के 55 वे स्थापना दिवस का था।

हम बात ब्रजद्वार में प्रसिद्ध मंदिर श्री हनुमान जी (बालाजी) महाराज, सादाबाद गेट, हाथरस की कर रहे हैं। मंगला आरती से आरंभ हुए 55 वे स्थाना दिवस के मौके पर हनुमान चालीसा पाठ के बाद हनुमान जी महाराज का चोला लेपन अनुष्ठान के बाद विप्रार्चन हुआ। विप्रवाणी के बाद मंदिर परिसर में महिला संगीत का कार्यक्रम हुआ। जिसमें हनुमान जी, मां अंजनी के अलावा राधाकृष्ण और अन्य भक्ति की चासनी में सने भजनों के सुर गूंजे तो माहौल फिर से एक बार भक्ति धारा में वह चला। इसके बाद भगवान की प्रसादी तैयार कर भोग लगाया गया। फिर ब्रह्मभोजन के बाद प्रसादी का दौर चला जो देर दोपहर तक चलता रहा। जबकि मुरसान से आए श्रृंगारक ने हनुमान जी (बालाजी) महाराज के कटोरी श्रृंगार आरंभ किए। इधर, सायं तीन बजे तच चली प्रसादी के बाद। भगवान की भव्य श्रृंगार आरतियों की तैयारियां प्रारंभ हुई। सायं 05 बजे मंदिर के पट खुलते ही दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।

शाम को हुई श्रृंगार आरती के बाद मंदिर परिसर में सेव-बूंदी की प्रसादी का वितरण शुरू हुआ और ध्वनी विस्तारक यंत्र से भक्तिगीत भी उच्चारित हो चले। देर रात तक चले इस भक्ति-भाव के क्रम में श्री हनुमान जी (बालाजी) महाराज के कटोरी श्रंृगार की आलौकिक छटा बिखरी रही।
इस मौके पर बिहारीलाल, त्रिलोकीनाथ, संजीव पंड़ित, उमाकांत शर्मा, राजकुमार, गौरव, लखन कुमार, रवि वाष्र्णेय, शुभव कुमार, नवीन कुमार वाष्र्णेय, हनुमान प्रसाद प्रसाद प्लास्टिक वाले, किशनलाल वाष्र्णेय, नवीन कुमार, प्रवीन कुमार आदि भक्तजनों का सहयोग सराहनीय रहा। मौजूद थे।