– सरकारी स्कूलों में दाखिला में उम्र बन रही बाधा, घट जाएगी छात्र संख्या
–नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत कक्षा 1 में प्रवेश की उम्र 6 वर्ष होने से हो रही परेशानी
हाथरस। (जिनेन्द्र जैन/ब्रजांचल ब्यूरो)। जिले के प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक में प्रवेश के लिए छह वर्ष के आयु की बाध्यता होने से दाखिला प्रभावित हो रहा है। जबकि निजी स्कूलों में चार वर्ष के बच्चे का नामांकन हो जाता है। शहर और गांव के प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक घर-घर जाकर छह वर्षीय बच्चे खोज रहे हैं।
नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत कक्षा एक में उम्र 6 वर्ष निर्धारित की है बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूलों में एक अप्रैल 2024 को छह साल की आयु पूरा करने वाले बच्चों का कक्षा एक में नामांकन किया जा रहा है। उम्र की पुष्टि के लिए उनके पास आधार नंबर होना चाहिए। यदि बच्चे की उम्र छह साल से कम मिलती है तो उसका नामांकन नहीं होगा। ऐसे में परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं निजी स्कूलों में चार साल की उम्र में ही बच्चों का नामांकन हो जाता है। अभिभावकों द्वारा निजी विद्यालयों में प्रवेश कराने के बाद उनको वापस सरकारी स्कूलों में पुनः प्रवेश दिलाना मुश्किल है कॉन्वेंट स्कूलों में पीजी, यूकेजी और एलकेजी में पढ़ाई करने के बाद कक्षा एक में प्रवेश लिया जाता है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेन्द्र गुप्ता का कहना है कि 1 अप्रेल से 31 जूलाई तक बच्चे की उम्र 6 वर्ष होने पर ही कक्षा 1 में नामांकन किया जा सकता है जनपद में 736 आंगनबाडी केन्द्र संचालित है जहॉ छोटे बच्चों को विद्यालय जाने के लिये प्रेरित किया जाता है। बाल वाटिका में 6 साल से पहले बच्चों का नांमाकन किया जा रहा है बाल वाटिका को और अधिक आकर्षित बनाने हेतु बच्चों के लिये झूले खेल सामान मनोरंजन सामान आदि विद्यालयों में धीरे-धीरे भिजवाया जा रहा है जिससे बाल वाटिका में नामांकित बच्चे विद्यालय आने को आकर्षित हो बाल वाटिका में प्री प्राइमरीं बच्चों का नामांकन कराया जा सकता है