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संक्रमित व्यक्ति का चिन्हीकरण एवं उसका नियमानुसार चिकित्सीय प्रशिक्षण एवं उपचार आवश्यक : जिलधिकारी

हाथरस 10 अपै्रल 2020 (सूवि)।

वह सभी व्यक्ति जो संक्रमण क्षेत्र या संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आये हैं, अथवा, जो निजामुददीन दिल्ली तबलीगी जमात सम्मेलन में शामिल हुए हो या शामिल होने वालों के सम्पर्क में आये हों व जिनको किसी भी प्रकार से संक्रमण होने की सम्भावना हों 24 घण्टे के अन्दर अपनी चिकित्सीय जांच हेतु अपने जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी के समक्ष स्वयं प्रस्तुत हों

शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों के क्रम में जिलधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने अवगत कराया है कि वर्तमान में पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की विभीषिका से रोकने के उद्देश्य से लॉक डाउन किया गया हैं। इस संक्रमण से बचाव हेतु संक्रमित व्यक्ति का चिन्हीकरण एवं उसका नियमानुसार चिकित्सीय प्रशिक्षण एवं उपचार आवश्यक है। इसमें थोड़ी सी भी चूक होने पर इसका संक्रमण अत्यंत तीव्र गति से होता हैं। संक्रमित व्यक्ति से कोरोना वायरस परिवार, समाज एवं कार्य स्थल पर साथ-साथ काम करने वाले व्यक्तियों में अत्यंत तीव्रता से फैलता है, फलस्वरूप वह भी गम्भीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं। बीमारी से मृत्यु तक होने की सम्भावना बनी रहती है। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति या वह सभी व्यक्ति जो संक्रमण क्षेत्र या संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आये हैं, अथवा, जो निजामुददीन दिल्ली तबलीगी जमात सम्मेलन में शामिल हुए हो या शामिल होने वालों के सम्पर्क में आये हों व जिनको किसी भी प्रकार से संक्रमण होने की सम्भावना हों, वह स्वेच्छा से बिना देरी अथवा लापरवाही किये 24 घण्टे के अन्दर अपनी चिकित्सीय जांच हेतु अपने जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी के समक्ष स्वयं प्रस्तुत हों। ऐसा न करना महामारी अधिनियम 1897 की धारा (2), (3), (4) एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली, 2020 के प्राविधानों का उल्लंघन है तथा ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध उक्त अधिनियम एवं विनियमावली के संगत प्राविधानों के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही की जाएगी।

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