राम कथा के अंतिम दिन आचार्य सतगुरु शरण जी महाराज ने राजा राम के राज्याभिषेक की कथा सुनाते हुए कहा कि समस्त प्रेम का परिपक्व स्वरूप ही राम राज्याभिषेक है। संपूर्ण प्रेम की पूर्णता ही राम राज्याभिषेक है। उच्चतम चेतना और आंतरिक ऊर्जा का संपूर्ण विकास ही राम राज्याभिषेक है।
महाराज ने राम राज्याभिषेक प्रसंग पर चर्चा के दौरान कहा कि हर जगह हर गांव, हर समाज, व हर देश मे राम राज्य की कल्पना इसी कारण की जाती हैं। राज्य में परस्पर में लोग एक दूसरे से प्रेम करते हैं। अपने जीवन की उच्चतम चेतना और आंतरिक उर्जा का संपूर्ण विकास ही श्रीराम राज्याभिषेक हैं।
इस मौके पर बनवारी लाल दीक्षित, जोगिंदर दीक्षित, अशोक दीक्षित, सुरेंद्र दीक्षित, दिग्विजय दीक्षित, रामकिशन दीक्षित, पंकज दीक्षित आकाश दीक्षित, रोहित दीक्षित, सोहित दीक्षित, देवांश दीक्षित, रिंकू यादव, ओमवीर बघेल , मनोजशर्मा, अरविंद शर्मा, हर्ष पाठक, रिंकू शर्मा, अभिषेक शर्मा, दुर्वेश पचौरी, हरेंद्र दीक्षित आदि उपस्थित रहे।