BSP सुप्रीमो मायावती ने पार्टी को लेकर बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा नए मीडिया सेल का गठन होने तक अब कोई पार्टी का प्रवक्ता नहीं है. लोकसभा और उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव से पहले मायावती की यह घोषणा काफी चौंकाने वाली है.
मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर लिखा है की BSP द्वारा पार्टी के मीडिया सेल का पुनर्गठन प्रस्तावित है इस परिस्थिति में नए मीडिया सेल का गठन होने तक अब कोई पार्टी का प्रवक्ता नहीं है. अतः श्री धर्मवीर चौधरी सहित पार्टी के जो भी लोग मीडिया में अगर अपनी बात रखते हैं तो वह उनकी निजी राय होगी, पार्टी का अधिकृत वक्तव्य नहीं.‘
मायावती के इस फैसले को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन मुख्य तौर पर यह माना जा रहा है, कि उनके इस बयान के पीछ की वजह क्या रही होगी. दरअसल बता दें, कि हाल ही में BSP के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी का एक हालिया ट्वीट आया है. चौधरी ने हाल ही में माफिया अतीक अहमद के परिवार का बचाव करते हुए CBI जांच की मांग को लेकर ट्वीट किया था. उन्होंने ट्वीट कर उमेश पाल हत्याकांड में BSP नेता शाइस्ता परवीन CBI जांच की मांग कर रही हैं, तो सरकार को न्याय हित में CBI जांच करानी चाहिए. इससे सरकार भाग रही है. उनके इस बयान के बाद BSP को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे.
कुछ दिन पहले मायावती ने बीजेपी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को ‘घोर जातिवादी’ तथा ‘आरक्षण विरोधी’ बताया. सपा पर जमकर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि सिर्फ दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश और देश की जनता देख रही है, की कौन किस पार्टी की ‘बी’ टीम है, और अभी भी वैसे ही काम कर रही है. BSP संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मायावती ने ‘चुनावी सफलता और सत्ता की मास्टर चाबी हासिल कर विरोधियों को करारा जवाब देने’ का आह्वान किया. उन्होंने BSP मुख्यालय पर कांशीराम को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद आरोप लगाया कि कांशीराम और उनके अनुयायियों का अपमान किया गया है.