मलेरिया अब महामारी नहीं, साफ-सफाई जरुरी

हाथरस।

गर्मी बढ़ते ही मच्छरों की तादाद अचानक से बढ्ने लगती है जो कई प्रकार की संक्रामक बीमारियाँ घर पर लाती है। इन संक्रामक बीमारियों में से एक है मलेरिया जिसका समय रहते इलाज नहीं किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुये लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। लेकिन अच्छी बात यह हैं कि मलेरिया अब महामारी नहीं है। वर्ष 2020 की कैंपेन थीम “Zero malaria starts with me” है।

जिला मलेरिया अधिकारी एम जौहरी बताते हैं कि

इससे बचाव के लिए घरो के मच्छर गंदगी और कई दिनों तक जमा पानी में ही पनपते हैं। इसलिए घर के आस-पास सफाई रखें। घर में पीने के पानी को खुला न छोड़ें। उसे हमेशा किसी चीज से ढककर रखें। खाने वाली चीजों को भी हमेशा ठक कर रखें। ज्यादा तेज सिर दर्द, ठंड लगना, बार-बार प्यास लगना, एक समय पर बुखार का आना और उतरना इसके लक्षण हैं। इससे बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहने। सहायक मलेरिया अधिकारी एसपी गौतम ने कहा कि मच्छरों न पनपे इसके लिए विभाग द्वारा समय-समय पर फोगिंग, दवा का छिड़काव कराया जाता है।  

क्या है मलेरिया-

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो एनाफिलीस मादा मच्छर के काटने से फैलती है। इससे निकालने वाला प्रोटोजुअन प्लाज्मोडियम शरीर के ब्लड के साथ मिलने लगता है जिससे धीरे-धीरे खून की कमी होने लगती है। मलेरिया के कीटाणु दो तरह होते है एक तो प्लाज्मोडियम फ़ेल्सीपेरम (पीएफ़) जो कभी-कभी जानलेवा हो सकता है, वहीं दूसरा प्लाज्मोडियम वाईवेक्स (पीवी) यह सामान्य मलेरिया होता है। इन दोनों बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को सही समय पर उचित इलाज तथा चिकित्सकीय सहायता द्वारा ठीक किया जा सकता है। सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मलेरिया का निःशुल्क उपचार किया जाता है।