शनिवार, जुलाई 27, 2024
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बेटे कुमारस्वामी को फिर से CM बनाने के लिए एक्टिव हुए 89 साल के देवेगौड़ा

कुछ ही घंटो में कर्नाटक विधनसभा के नतीजे आने वाले है। यह चुनाव भारत की सियासी पार्टियों के लिए 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। जीत हासिल करने के लिए भाजपा, कांग्रेस, जेडीएस समेत तमाम राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के प्रदेश अक्ष्यक्ष डीके शिवकुमार, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, जगदीश शेट्टारत, भाजपा से बीएस येदियुरप्पा, येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र और जेडीएस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी बड़े चेहरे और दिग्गज राजनेता है, जिन पर बड़ा दांव लगा है। कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी जीत के लिए दावा कर रहे है। लेकिन देखना यह है कि पिछले 10 मई को कर्नाटक की जनता ने किसके सिर पर ताज पहनाने के लिए वोट किया है, आज के नतीजे से यह तय हो जाएगा।

कर्नाटक में चुनावी रुझानों में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर भी मजबूती से डटी हुई है। रुझानों के नंबर को देखने के बाद 89 साल के देवगौड़ा खुद एक्टिव हो गए हैं। देवेगौड़ा राज्य में एक बार फिर से जेडीएस की सरकार बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। कर्नाटक में जेडीएस की ओर से 2 बार उनके बेटे कुमारस्वामी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कुमारस्वामी 2006 में बीजेपी के समर्थन से और 2018 में कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे।डेक्केन हेराल्ड ने सूत्रों के हवाले से बताया कि देवेगौड़ा उन उम्मीदवारों से संपर्क कर रहे हैं, जिनकी चुनाव में दावेदारी मजबूत है. इसके अलावा निवर्तमान विधायकों से भी देवेगौड़ा लगातार संपर्क में हैं.
देवेगौड़ा ने बेटे कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए 3 रणनीति बनाई है. इसकी मॉनिटरिंग खुद कर रहे हैं. इसकी वजह 2019 में चुनाव बाद हुई टूट को माना जा रहा है।

  1.  2018 में चामुंडेश्वरी से सिद्धरमैया को हराने वाले पूर्व मंत्री जीटी देवेगौड़ा को मैसूर की कमान सौंपी गई है. जीटी मैसूर इलाके से जो भी विधायक जीतेंगे, उन्हें लेकर बेंगलुरु लेकर पहुंचेंगे.
    जीटी को नतीजे आने तक मैसूर में ही रहने के लिए कहा गया है. मैसूर जेडीएस का गढ़ माना जाता रहा है. मैसूर में विधानसभा की कुल 8 सीटें हैं. पिछले चुनाव में जेडीएस को यहां 2 सीटें मिली थीं. देवेगौड़ा को इस बार 5 सीटें मिलने की उम्मीद है.
  2. एचडी देवेगौड़ा ने अपने बड़े बेटे एचडी रेवन्ना को हासन की कमान सौंपी है. रेवन्ना जीटी देवेगौड़ा की तरह ही हासन से जीतने वाले विधायकों से संपर्क साधे रहेंगे. जीत का सर्टिफिकेट मिलने के बाद सभी विधायकों को बेंगलुरु लेकर जाएंगे.
    हासन में भी विधानसभा की कुल 8 सीटें हैं और यहां पर पिछले चुनाव में जेडीएस को 6 सीटें मिली थी. देवेगौड़ा को इस बार पुराने परफॉर्मेंस दोहराने की उम्मीद है. रेवन्ना पूर्व में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और हासन में कार्यकर्तओं के बीच उनकी मजबूत पकड़ है.

3. हेराल्ड के मुताबिक देवेगौड़ा ने सभी जिताऊ उम्मीदवार और निवर्तमान विधायकों को कुमारस्वामी का साथ नहीं छोड़ने का अनुरोध किया है. देवेगौड़ा ने कहा कि सरकार बनने के बाद सभी को उचित सम्मान और पद दिया जाएगा.
आप सभी कुमारस्वामी के नेतृत्व में अगर मजबूती के साथ खड़े रहते हैं, तो इसका असर सरकार बनाने पर पड़ेगा और आप सबको उसमें बड़ी भूमिका मिलेगी

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