-98 वें परिक्रमा महोत्सव के बाद 100 वें उत्सव की तैयारियों पर जोर
हाथरस (संजय दीक्षित) :
ब्रज की द्वार देहरी के भक्तों ने अपनी 98 वीं यात्र के दौरान गहवर वन की परिक्रमा लगाई। इससे पूर्व तालाब चौराहा और हलवाईखाना से आरंभ हुई प्रभात फेरियों ने नगर भ्रमण किया और बरसाना पहुंच लाडलीलाल सरकार के यहां अपनी हाजरी लगाई। व्यवस्थापकों ने बताया कि अगस्त में 99 वीं यात्रा के बाद ब्रज बरसाना यात्रा मंडल अपनी 100 वीं यात्रा को धूम-धाम के साथ उत्सव के तहत मनाएगा।

गहवर वन निवासी राष्ट्रीय संत रमेशबाबा की प्रेरणा से ब्रज की द्वार देहरी हाथरस नगरी में दर्जनों प्रभात फेरियां निकाल कर हरिनाम संकीर्तन का संदेश लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। जिसके तहत ‘‘ब्रज बरसाना यात्रा मंडल’’ आज से 8 वर्ष पूर्व एक अच्छी पहल शुरू की गई थी। महिने में अंतिम रविवार को प्रभात फेरी भ्रमण के बाद भक्त भजन-कीर्तन के साथ बरसाना स्थित गहवर वन पहुंचते और परिक्रमा लगाते। ब्रज के तमाम ब्रज दर्शनों के बाद देर रात उत्सव का समापन होता। मई में यात्रा मंडल ने अपनी 97 वीं यात्रा पूर्ण की थी। जबकि कार्यक्रम के तहत जून में भक्तों ने अपनी 98 वीं यात्रा महोत्स के तहत प्रभात फेरी के बाद गहवर वन पहुंच परिक्रमा लगाई। जिसकी शुरूआत तालाब चौराहा स्थित मंदिर श्री रामदरबार, हलवाईखाना स्थित श्री दाऊजी मंदिर, रूई की मंडी में ठा.कन्हैयालालजी व बंदरवन स्थित बांकेबिहारी आदि स्थिानों से प्रभात फेरियां निकाली गईं।
नगर भ्रमण के बाद उत्सव में शामिल श्रद्धलु घासमंडी पहुंचे जहां से बसों में सवार हो ब्रज बरसाना धा के लिए प्रस्थान कर गए। जिसमें पहला पड़ाव मुरसान की पीपलवाली देवी, दूसरा माट स्थित श्री राधारानी, तीसरा पढ़ाव चौमुंहां स्थित (ब्रह्माजी व ब्रह्माणी जी) का मंदिर फिर नरीसेमरी मां के दर्शन करते हुए भक्त बरसाना स्थित गहवर वन पहुंचे। जहां परिक्रमा करते हुए ब्रजद्वार के भक्तों ने विश्वप्रसिद्ध लालड़लीलाल सरकार के दर्शन किए। प्रसादी आदि के बाद देर रात पुनः यात्रा हाथरस स्थित तालाब चौराहा पहुंचकर संपन्न हुई।
इस मौके पर यात्रा प्रमुख व शिक्षाविद् कैलाशचंद्र वार्ष्णेय, नत्थीलाल मैदावाले, प्रदीप अग्रवाल, रवीन्द्र वार्ष्णेय आशीष जैन, मनमोहन, अल्का शर्मा, आशा शर्मा, संजय दीक्षित आदि दर्जनों श्रद्धालुओं ने प्रभु दर्शन का लाभ प्रप्त किया।
