बुधवार को केंद्रीय राज्य मंत्री और गुरुग्राम से बीजेपी सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने पीएम मोदी से मुलाकात की और राव इंद्रजीत सिंह ने नूंह में शोभायात्रा के दौरान हथियार लेकर जाने पर सवाल भी उठाया था।
बता दें कि हरियाणा के नूंह में हिन्दू युद्ध परिषद की शोभा यात्रा को रोकने पर 31 जुलाई यानी सोमवार को हिंसा भड़क उठी। जिसका आग गुरुग्राम तक पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें दो होमगार्ड और 4 नागरिक हैं। साथ ही गुरुग्राम में एक मस्जिद पर भी हमला किया गया, जिसमें एक इमाम की मौत हुई है। इसी कारण केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शोभायात्रा में तलवार ले जाने को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि हिंदू पक्ष की तरफ से भड़काने का काम किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि धार्मिक यात्रा में ले जाने के लिए उनको किसने हथियार दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि धार्मिक जुलूस में तलवार लेकर कौन जाता है। लाठी-डंडे लेकर जाता है। गुरुग्राम सांसद ने इसे गलत बताया था।
क्यों भड़के राव इंद्रजीत?
राव इंद्रजीत ने कहा था कि इस तरफ से भी भड़काने का काम किया गया था। उन्होंने कहा कि वे यह नहीं कह रहे हैं कि दूसरी तरफ से कोई भी भड़काने वाला काम नहीं किया गया। उन्होंने इसके लिए छोटे से बच्चों को भी लड़ाई का जिम्मेदार ठहराया, जिन्होंने एक दूसरे पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और जिसने चिंगारी को आग में बदल दिया।
पीएम मोदी और राव इंद्रजीत के बीच क्या हुई बात?
जब मंत्री से नूह हिंसा और पीएम मोदी से मुलाकात के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राव इंद्रजीत कई मुद्दों पर पीएम से बात किए। हालांकि वह हरियाणा में एम्स के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित करने गए थे।
लेकिन, जब धार्मिक रैली में हथियार वाली टिप्पणी पर उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया अगर दोनों पक्ष हथियार ले जा रहे थे, तो यह जांच का सवाल है कि उन्हें ये हथियार किसने मुहैया कराया। क्या हरियाणा सरकार इसकी जांच करेगी।