हाथरस, 15 मई। वर्तमान समय में देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु शारीरिक दूरी एवं लॉकडाउन का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है इसी को ध्यान में रखते हुए नेशनल डेंगू डे के तहत जागरूकता कार्यक्रम नहीं किए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य कार्यक्रम निरंतर रूप से चल रहे हैं। फांगिग का काम लगातार हो रहा है। कोरोना के खिलाफ जंग जारी है। सेनेटाइज का काम पूरे शहर में चल रहा है। पॉजिटिव केस और हाट स्पाट को लगातार टीमें सेनेटाइज कर रही है। 16 मई को नेशनल डेंगू दिवस मनाया जाता है। ये दिवस डेंगू के बारे में जागरूकता प्रसारित करने और संचारण का मौसम शुरू होने से पहले देश में रोग नियंत्रण के लिए निवारक उपायों और उसकी तैयारी को तेज करने के लिए मनाया जाता है। जिला मलेरिया अधिकारी एम जौहरी ने बताया कि डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो कि वायरस से होती है और यह वायरस मच्छरों के द्वारा फैलता है। डेंगू के मरीज को तेज दर्द होना, जोड़ो में मांसपेशियों में और शरीर में दर्द होना, तेज बुखार, चिड़चिड़ापन और सिरदर्द डेंगू के मुख्य लक्षण हैं। सहायक मलेरिया अधिकारी एसपी गौतम ने बताया कि जिले में समय.समय पर डेंगू मलेरिया खोजी अभियान चलाया जाता है।
डेंगू के लक्षण
०डेंगू की शुरूआत तेज बुखार, सिरदर्द और पीठ में दर्द से होती है। शुरू के 3 से 4 घंटों तक जोड़ों में भी बहुत दर्द होता है।
०आंखें लाल हो जाती हैं और गले के पास की लिम्फ नोड सूज जाते हैं। डेंगू बुखार 2 से 4 दिन तक रहता है और फिर धीरे धीरे तापमान नार्मल हो जाता है।
०मरीज ठीक होने लगता है और फिर से तापमान बढ़ने लगता है। पूरे शरीर में दर्द होता है। हथेली और पैर भी लाल होने लगते है।
०डेंगू हिमोरेगिक बुखार सबसे खतरनाक माना जाता है जिसमें कि बुखार के साथ.साथ शरीर में खून की कमी हो जाती है। शरीर में लाल या बैगनी रंग के फफोले पड़ जाते हैं। नाक या मसूड़ो से खून आने लगता है। स्टूल का भी रंग काला हो जाता है। यह डेंगू की सबसे खतरनाक स्थिति होती है।
डेंगू से बचाव
०डेंगू से बचने के लिए मच्छरों से बचना बहुत जरूरी है जिनसे डेंगू के वायरस फैलते हैं।
०ऐसी जगह जहां डेंगू फैल रहा है वहां पानी को रूकने नहीं देना चाहिए जैसे प्लास्टिक बैग, कैन, गमले या सड़को या कूलर में जमा पानी।
०मच्छरों से बचने का हर सम्भव प्रयास करना चाहिए जैसे मच्छरदानी लगाना, पूरी बांह के कपड़े पहनना आदि।
पानी भंडारण के बर्तनों को ढक्कन से ढंका जाना चाहिए।