शनिवार, जुलाई 27, 2024
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निकाय चुनाव के दावेदारों की आरक्षण पर टिकी निगाहें

उत्तरप्रदेश में नगर निकाय चुनाव के लिए पार्टियों में मंथन जारी है.इधर उपचुनाव में जीत पाकर बीजेपी अब नगर निकाय चुनाव में भी जीत का दावा कर रही है.और आगामी चुनाव की तैयारियां जोरो शोरों से शुरु कर दी है…बरेली में भी निकाय को लेकर सरगर्मीयां बढ़ गई हैं. पिछले चुनाव में यहां भाजपा से डॉ उमेश गौतम ने जीत का परचम लहराया था. और इस बार भी महापौर डॉ उमेश गौतम चुनाव में उतर रहे हैं. यानि कि इस बार भी भाजपा यहां कमल खिलाना चाहती है. दरअसल डॉ. उमेश गौतम की छवि बरेली शहर में जनता के बीच काफी लोकप्रिय है. इसलिए इस चुनाव में भी भाजपा की ओर से उमेश गौतम ही मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं.

लेकिन दूसरी और विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. पूर्व महापौर डॉ. आईएस तोमर भी मैदान में उतर सकते हैं. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला.बतादें कि इससे इससे पहले भी आईएस तोमर चुनाव के समय डा उमेश गौतम को भारी टक्कर दे चुके है.और बरेली में एक बार निर्दलीय तो दूसरी बार समाजवादी पार्टी की ओर से महापौर रह चुके हैं.

वहीं कांग्रेस पार्टी के प्रदेश संगठन ने बरेली समेत सभी जिलों के पदाधिकारियों को नगर निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस चुनाव में किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी. हर निकाय में पार्टी का मजबूत प्रत्याशी होना चाहिए. इस बार पार्टी पुराने, बफादर, युवा और महिला प्रत्याशियों पर दांव लगाएगी. और जल्द ही नगर निकाय के प्रत्याशियों की घोषणा करने की बात कही. वहीं विधानसभा चुनाव में मौका खो देने के बाद अब बहुजन समाजवादी पार्टी, और आम आदमी पार्टी भी पूरे दमखम के साथ चुनाम में उतरने की बात कही है.

वहीं शहर में 80 वार्डों में पार्षद और महापौर पद के लिए आरक्षण आना बाकी है. स्थिति स्पष्ट नहीं होने से अब तक कदमताल ठोकने की तैयारी कर चुके लोग अपना प्रचार-प्रसार शुरू नहीं कर पा रहे हैं. हालांकि आरक्षण सूची में 2017 के सापेक्ष कितना बदलाव होगा इस पर अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. लेकिन भावी पार्षद के साथ महापौर बनने की इच्छा रखने वाले लोग अपने-अपने पार्टियों में दावेदारी कर आरक्षण की सूची जारी होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.. बतादें कि नगर निकायों के आरक्षण का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. आरक्षण फाइनल करने की कवायद चल रही है. लेकिन अंतिम मुहर 18 नवंबर तक लगने की उम्मीद है.

– हिमांशी गुप्ता

 

 

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