क्या आपको पता है ‘चिराग दिल्ली’ को कैसे मिला ये अनोखा नाम दरअसल चिराग दिल्ली का नाम हजरत निजामुद्दीन औलिया के सबसे प्रिय शिष्य नसीरुद्दीन महमूद पर रखा गया है।
एक वक्त की बात है जब हजरत निजामुद्दीन की दरगाह में एक बावली का निर्माण कराया जा रहा था लेकिन तत्कालीन शासक गयासुद्दीन तुगलक ने इस बावली के बनने पर रोक लगा दी थी.
प्राचीन कथाओं के मानें तो उस दौरान हजरत निजामुद्दीन औलिया ने अपने शिष्य नसीरुद्दीन महमूद को पानी से दिए जलाने का आशीर्वाद दिया.
इसके बाद बावली में मौजूद पानी से दिए जलाए गए और इनकी रोशनी में बावली का काम पूरा किया गया, तब नसीरुद्दीन महमूद को चिराग-ए-दिल्ली के नाम से बुलाया गया और उनके नाम पर ही यहां का नाम चिराग दिल्ली पड़ा.