मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अंदर सभी दिग्गज मतभेद भुलाकर एकजुट दिखने की कोशिशों में लगे हुए हैं… इन्हीं कोशिशों के तहत खरगोन में दिवंगत सुभाष यादव की मूर्ति अनावरण के कार्यक्रम में सभी दिग्गज एक मंच पर आए… दिवंगत सुभाष यादव प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पूर्व PCC चीफ अरुण यादव के पिता हैं…. अरुण यादव ने ही कांग्रेस के अंदर कमलनाथ की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी पर सवाल खड़े किए थे लेकिन खरगोन में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में दोनों के बीच राजनीतिक दूरियां मिटती हुई दिखाई दी…. वर्तमान PCC चीफ कमलनाथ ने भी इस मौके पर अरुण यादव के पिता और परिवार के साथ उनके सालों पुराने रिश्तों को याद करते हुए कई रोचक किस्से भी सुनाए.
कमलनाथ ने कहा कि वह और दिवंगत सुभाष यादव एक साथ पहली बार सातवी लोकसभा के लिए चुने गए तो दिवंगत सुभाष यादव ही थे जो उनको लोकसभा की नियमावली समझाते थे…. उनको नियमों की जानकारी ही नहीं थी…. कृषि को लेकर समझ भी कम थी लेकिन दिवंगत सुभाष यादव ने ही उनको हर क्षेत्र में ज्ञान और मार्गदर्शन दिया.
कमलनाथ ने अरुण यादव की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वे सालों पहले दिवंगत सुभाष यादव की की पत्नी से मिले थे और उसके बाद अब जाकर वे उनसे मिल रहे हैं…. यादव परिवार के साथ अपने संबंधो को याद दिलाते हुए कमलनाथ ने कहा कि वे अरुण यादव की शादी और उनकी बहन की शादी में शामिल हुए थे…. कमलनाथ ने अरुण यादव की तारीफ करते हुए कि देश में कई सुगर मिल घाटे में चल रही हैं और किसानों का भुगतान नहीं कर रही हैं…. लेकिन अरुण यादव के क्षेत्र की सुगर मिल देश के सामने उदाहरण है कि पिछले दो दशक से एक बार भी किसानों का भुगतान नहीं रोका गया…. कमलनाथ ने अरुण यादव से कहा कि आप यूपी में जाकर वहां की सरकार को बताएं कि कैसे सुगर मिल चलती हैं और कैसे उनसे जुड़े किसानों को भुगतान किया जाता है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के मध्यप्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह सहित कई दिग्गज खरगोन में एक मंच पर एक साथ आए और एक दूसरे के साथ एकजुटता दिखाने की कोशिश की. विधानसभा चुनाव नजदीक देख कांग्रेस के सभी दिग्गज एकजुटता दिखाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.