कर्नाटक में 2004, 2008 और फिर 2018 में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। 2013 में कांग्रेस ने 122 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। सूबे में मुख्य लड़ाई लंबे समय से भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रही है। कांग्रेस ने कई बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई है, जबकि भाजपा को कभी भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ।’
2. आरक्षण का वादा दे गया फायदा : ये भी एक बड़ा कारण है। कर्नाटक चुनाव में भाजपा ने चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण खत्म करके लिंगायत और अन्य वर्ग में बांट दिया। पार्टी को इससे फायदे की उम्मीद थी, लेकिन ऐन वक्त में कांग्रेस ने बड़ा पासा फेंक दिया। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में आरक्षण का दायरा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 फीसदी करने का एलान कर दिया। आरक्षण के वादे ने कांग्रेस को बड़ा फायदा पहुंचाया। लिंकायत वोटर्स से लेकर ओबीसी और दलित वोटर्स तक ने कांग्रेस का साथ दिया। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने ये भी वादा कर दिया कि जो चार प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण भाजपा ने खत्म किया है, उसे फिर से शुरू कर दिया जाएगा। इसके चलते एक तरफ जहां कांग्रेस को मुसलमानों का साथ मिला, वहीं 75 प्रतिशत आरक्षण के वादे ने लिंगायत, दलित और ओबीसी वोटर्स को भी पार्टी से जोड़ दिया।
4. राहुल गांधी की यात्रा : राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से जम्मू कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाली थी। इस यात्रा का सबसे ज्यादा समय कर्नाटक में ही बीता। ये राहुल गांधी की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा रहा। इस यात्रा के जरिए राहुल ने कर्नाटक में कांग्रेस को मजबूत किया। अंदरूनी लड़ाइयों को खत्म किया। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को एकसाथ लेकर आए और इसका फायदा अब चुनाव में देखने को मिल रहा है।
कांग्रेस पिछले एक दशक से राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रही है। 2014 के बाद से अब तक 50 से ज्यादा चुनावों में कांग्रेस को हार मिली है। कुछ चुनिंदा राज्य ही ऐसे हैं, जहां कांग्रेस ने जीत हासिल की है। पिछले छह महीने के अंदर ये कांग्रेस की दूसरी बड़ी जीत है। अगर ये कहें कि डूबती कांग्रेस को पहले हिमाचल प्रदेश और फिर कर्नाटक में जीत का सहारा मिला तो गलत नहीं होगा। इससे कांग्रेस को नैतिक आधार पर मजबूती मिलेगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में नई ऊर्जा आएगी। आने वाले जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें से दो की सत्ता कांग्रेस के पास है। ऐसे में कांग्रेस इन दोनों राज्यों को भी बरकरार रखने की कोशिश करेगी।