शुक्रवार, जुलाई 26, 2024
होमराजनीतिकरौली बाबा पर क्यो हई FIR दर्ज, 14 एकड़ में फैला हुआ...

करौली बाबा पर क्यो हई FIR दर्ज, 14 एकड़ में फैला हुआ है आश्रम

  1. बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के बाद एक और बाबा इन दिनों चर्चा में है. इस बाबा का नाम है संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा है. करौली बाबा पर उनके एक भक्त ने बाउंसरों से पिटवाने का आरोप लगाया है. भक्त नोएडा के रहने वाले डॉक्टर हैं और FIR तक दर्ज करा दी है. इस बीच करौली बाबा ने एक वीडियो जारी करते हुए अपनी सफाई दी है.  आइए जानते हैं कि संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा कौन हैं? कैसे वह किसान नेता से करौली बाबा बने?

संतोष सिंह भदौरिया मूल रूप से उन्नाव के बारह सगवर के रहने वाले हैं. उनकी किस्मत उस वक्त बदली जब उत्तर प्रदेश और पूरे देश में महेंद्र सिंह टिकैत के किसान आंदोलन का डंका बज रहा था. उस समय कानपुर में धाकड़ किसान यूनियन नेता संतराम सिंह का मर्डर हो गया. उसके बाद महेंद्र सिंह टिकैत ने संतोष सिंह भदौरिया को कानपुर के सरसोल क्षेत्र की पूरी बागडोर सौंप दी थी. उसी दौरान किसान यूनियन के प्रदर्शन के दौरान इनकी पुलिस से भिड़ंत हो गई.

किसान नेता संतोष सिंह भदौरिया ने कुछ किसानों को पुलिस कस्टडी से छुड़ा दिया. इसके बाद पुलिस ने इनको पकड़कर जमकर पीटा और जेल भेजा था. फिर गुंडा एक्ट और गैंगस्टर लगा दिया. जेल जाने के बाद संतोष सिंह भदौरिया एकदम से किसानों में लोकप्रिय हो गए फिर धीरे-धीरे इनकी किस्मत बदलती चली गई. जब संतोष सिंह किसान नेता थे तो वह जाजमऊ के फ्रेंड्स कॉलोनी में जैन बिल्डिंग में अपने परिवार के साथ रहते थे.

करौली आश्रम में संतोष सिंह भदौरिया के साथ उनके गुरु राधा रमण मिश्रा भी रहने लगे थे. गांव के लोग बताते हैं कि इसी दौरान संतोष भदौरिया ने तंत्र-मंत्र का प्रयोग करते हुए लोगों का इलाज करने का दावा शुरू कर दिया, जिससे वह धीरे-धीरे पॉपुलर होने लगे. फिर जब उनके गुरु राधारमण विश्व की मौत हो गई तो उन्होंने उनकी मूर्ति अपने आश्रम में लगाई और खुद करौली सरकार या करौली बाबा के नाम से मशहूर होने लगे.

वैसे संतोष बाबा आज भी अपने गुरु को ही करौली सरकार मानते हैं. इसके बाद संतोष बाबा ने अपने तंत्र-मंत्र का प्रचार यू-ट्यूब के जरिए शुरू किया. देखते ही देखते करौली बाबा खूब फेमस हो गए. करौली बाबा बनने के बाद धन की वर्षा शुरू हो गई. इसके बाद संतोष बाबा ने तीन साल में करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया. उनका आश्रम 14 एकड़ में फैला हुआ है. आश्रम में प्रतिदिन 3 से 4 हजार लोग पहुंचते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर यहां विशेष आयोजन होते हैं.

आपको बता दें, आश्रम में दो मंदिर हैं. शनि मंदिर तो दूसरा मां कामख्या का मंदिर है. साथ ही करौली सरकार यानी राधा रमण मिश्र की प्रतिमा लगी है. भक्तों से मिलने से पहले संतोष सिंह भदौरिया माता कामाख्या की पूजा करते हैं, फिर करौली सरकार का आशीर्वाद लेकर प्रवचन करने बैठते हैं. यहां आने भक्तों को सबसे पहले 100 रुपये की रसीद कटानी पड़ती है. उसके बाद करीब 5000 रुपये से ज्यादा का खर्च आता है. इस आश्रम में हर समय हवन होता रहता है.

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments