रविवार, नवम्बर 10, 2024
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एजेंडे के तहत भारत के खिलाफ जारी होती हैं इंटरनेशनल रैंकिंग!

एजेंडे के तहत भारत के खिलाफ जारी होती हैं इंटरनेशनल रैंकिंग: भारत की सरकार और प्रेस स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर एजेंडा आधारित रैंकिंग के खिलाफ अब भारत ने नकेल कसने की तैयारी कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार ने शुक्रवार (26 मई) को एक इंटरव्यू के दौरान नव-औपनिवेशिक ग्लोबल एजेंसियों की ओर से भारत को लेकर जारी की जाने वाली एजेंडा आधारित रैंकिंग पर ये बात कही।

एजेंडे के तहत भारत के खिलाफ जारी होती हैं इंटरनेशनल रैंकिंग: पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारत ने इन मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि तीन या चार फंडिंग एजेंसियां, जो दुनिया में अपना एजेंडा चलानी चाहती हैं।

उन्होंने कहा कि ये गलत तरीके से केवल नैरेटिव गढ़ने तक सीमित नहीं है। इसका सीधा और स्पष्ट प्रभाव व्यापार, निवेश और अन्य गतिविधियों पर पड़ता है। हाल ही में रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स की ओर से जारी न्यू वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत की रैंकिंग अफगानिस्तान और पाकिस्तान से भी खराब थी। वी-डेम इंस्टीट्यूट की एकेडमिक फ्रीडम इंडेक्स में भारत को पाकिस्तान और भूटान से भी नीचे रखा गया था।

सान्याल ने कहा कि बीते एक साल में भारत ने विभिन्न बैठकों में वर्ल्ड बैंक, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) और यूनाइटेड नेशंस डेवलेपमेंट प्रोग्राम (UNDP) जैसे संस्थानों की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले वैश्विक सूचकांकों को संकलित करने के तरीकों में खामियों की ओर खुलकर अपनी बात रखी है।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक भी इस चर्चा में शामिल है, क्योंकि यह इन थिंक-टैंकों से राय लेता है और इसे वर्ल्ड गर्वनेंस इंडेक्स जैसी किसी चीज में शामिल करता है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक, WEF, रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर्स और वी-डेम ने इस टिप्पणी पर जवाब देने पर फिलहाल असमर्थता जताई है। यूएनडीपी ने कहा है कि वो जल्द ही इस पर जवाब देंगे।

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