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आयुष विभाग में नव चयनित चिकित्साधिकारियों तथा होम्योपैथिक चिकित्सक को नियुक्ति प्रमाण पत्र वितरण

हाथरस 04 जनवरी 2021 ।

उत्तर प्रदेश राज्य आयुष सोसायटी लखनऊ द्वारा संचालित आयुष टेलीमेडिसिन योजना का मा0 मुख्य मंत्री उ0प्र0 ने शुभारम्भ करते हुए 1100 चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण किया।
ऐसा कोई मूल (जड) नहीं जिसमे कोई औषधीय गुण न हो यह बात मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने वीडियों कान्फे्रन्सिंग के माध्यम से प्रदेश में नवनियुक्त आयुर्वेद एवं होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण, पदस्थापना व संवाद कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होने प्रदेश के पहले उ0प्र0 आयुष टेलीमेडिसीन का शुभारंभ व 142 योग वेलनेस सेन्टर का उद्घाटन भी किया। उन्होने कहा नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारी पूरी ईमानदारी व मेहनत से कार्य करें व शोध पर भी विषेष ध्यान दें। उन्होने कहा कि उ0प्र0 में योग व वेलनेस सेन्टर टूरिज्म डेसटीनेशन बनेगा। उन्होने बताया कि गत 25 वर्षों में यह सबसे बडी नियुक्तियां है। मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों में से चन्दौली, गोरखपुर, मथुरा व महोबा के चिकित्सा अधिकारियों से संवाद किया। उन्होने सबसे उनकी योग्यता व उन्होने क्या क्या कोर्स किये है इसकी जानकारी ली तथा सभी को बधाई देते हुये कहा कि वह सभी पूरी मेहनत व ईमानदारी से कार्य करे तथा कार्यों को मिशन मोड में लेकर करें। शोध पर भी ध्यान दें। मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारतीय ऋषि परंपरा में पीपल व बरगद को देवतुल्य माना गया है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद काढे को प्राचीन समय से ही उपयोगी माना गया है। उन्होने कहा कि कोई घर ऐसा नहीं जहां हल्दी, हींग व अदरक का उपयोग न होता हो। उन्होने कहा कि भारतवर्ष में यह प्राचीन काल से ही उपयोग में लाये जा रहे है। उन्होनेे कहा कि पूर्व में हमे इनका उपयोग करने पर पिछडा हुआ माना जाता था लेकिन आज पूरे विष्व ने इसकी उपयोगिता देखी है व इसकी मांग पूरी दुनिया में हो रही है। उन्होने कहा कि कोरोना काल खंड में भारत की परम्परागत चिकित्सा पद्धति के उपयोग को दुनिया ने माना है और आयुर्वेद की मांग हर स्तर पर हो रही है। मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने मा0 प्रधानमंत्री भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उन्होने अपने प्रधानमंत्री काल में आयुष मंत्रालय का गठन किया तथा देश को प्रथम आयुष विश्वविद्यालय दिया जो कि दिल्ली में स्थापित है। उन्होने कहा कि देश का पहला सर्जन आयुर्वेद से ही था। आयुर्वेद परंपरागत चिकित्सा पद्धति रही है तथा आयुर्वेद काढ़े का उपयोग आयुर्वेद की पद्धति में हजारो सालो से उपयोग में किया जा रहा है। उन्होने कहा कि दादी के नुस्खों में भी इसका इस्तेमाल होता है।
मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आयुर्वेद, योग व नेचुरोपैथी में अपार संभावनाएं है। उन्होने कहा कि होम्योपैथिक विद्या भी प्लांट पर आधारित है।

उन्होने नवनियुक्त चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि केन्द्र व राज्य ने उन पर भरोसा किया है। उन्होने कहा कि वह कार्यों को मिषन मोड में लेकर करें। उन्होने बताया कि गत 25 वर्षों में यह सबसे बडी नियुक्तियां है। उन्होने इसके लिए उ0प्र0 लोक सेवा आयोग की प्रशंसा की। मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उ0प्र0 में योग व वेलनेस सेन्टर टूरिज्म डेसटीनेशन बनेगा। इसलिए सभी इस पर कार्य करे। उन्होने कहा कि योग एवं व्यायाम में एक सामान्य मूलभूत अंतर होता है। उन्होने कहा कि आयुर्वेद व योग के साथ जुडना बडा पवित्र कार्य है। उन्होने कहा कि आपके आसपास औषधियों को भंडार छुपा है उसको पहचानने व उसको उपयोग सही तरीके से करने की आवश्यकता है।


मा0 विधायक सदर हरीशंकर माहौर, मा0 विधायक सि0राऊ विरेन्द्र सिंह राणा, जिलाधिकारी रमेश रंजन तथा मुख्य विकास अधिकारी आर0बी0 भास्कर ने एनआईसी में आयोजित कार्यक्रम में 05 आयुष विभाग में नव चयनित डा0 रूपेश कुमार सेगर, डा0 मंगल सिंह, डा0 कंचन अग्रवाल, डा0 निधि राठौर, डा0 ज्योति सिंह चिकित्साधिकारियों तथा आयुष विभाग में नव चयनित होम्योपैथिक चिकित्सक डा0 सौरभ कुमार सोभरी को नियुक्ति प्रामण पत्र वितरण करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की तथा उन्होने नव नियुक्त चिकित्साधिकारियों/होम्योपैथिक अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों एवं दायित्वों का निर्वाहन ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक करने को कहा।
इस अवसर पर क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी हाथरस/अलीगढ़, जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डा0 हरीश कुमार उपस्थित रहे।

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