उमेश पाल मर्डर केस में प्रयागराज पुलिस धूमनगंज थाने के विवेचना कक्ष में अतीक और अशरफ से अलग अलग पूछताछ कर रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अतीक अपने बेटे के दफन में शामिल होना चाहता था. उसे इस बात का मलाल है कि जिगर के टुकड़े की हत्या की वजह भी वह खुद है. ऐसे में वह चाहता था कि बेटे के कब्र को वह दो मुट्ठी मिट्टी दे सके. इसके लिए उसने शुक्रवार को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी भी दाखिल की थी, लेकिन वहां से यह अर्जी खारिज हो गई माफिया डॉन अतीक अहमद बेहद गुस्से में है। उसका गुस्सा बेटे के जनाजे में नहीं ले जाने को लेकर है। इस गुस्से की वजह से वह पुलिस के सवालों का ठीक से जवाब तक नहीं दे रहा है। ज्यादातर सवालों पर वह चुप्पी साध ले रहा है। वहीं किसी किसी सवाल पर बोल दे रहा है कि उसे नहीं मालूम एक बार तो उसने यह भी कह दिया कि ‘कल ही तो इतनी पूछताछ की थी, आज मुझे बेटे की यादों के साथ तनहा छोड़ दो
वहीं शनिवार को कोर्ट खुलने से पहले ही उसके बेटे असद को दफन कर दिया गया। इसकी वजह से वह अपने बेटे के जनाजे को कंधा भी नहीं दे पाया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक शनिवार की सुबह जैसे अतीक से पूछताछ शुरू हुई, उसने टेबल पर सिर रख दिया. कहा कि ‘तुम लोगों ने मुझे अपने प्यारे बेटे के जनाजे तक भी नहीं जाने दिया, मैं उसे आखिरी वक्त पर देख भी नहीं पाया’। यही कह कर उसने पुलिस के सामने खामोशी साध ली।
पुलिस अधिकारी एक के बाद एक सवाल पूछते रहे, लेकिन वह ज्यादातर सवालों का जवाब देने के बजाय चुप रहा. जिन सवालों पर उसने मुंह खोला भी तो यही कहा कि उसे कुछ नहीं पता. उधर, दूसरे कक्ष में पुलिस की दूसरी टीम अशरफ से पूछताछ कर रही थी. इस टीम को अशरफ ने कई सवालों के जवाब दिए हैं. हालांकि उसके भी जवाब संतोषजनक नहीं थे. बता दें कि 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ मुख्य आरोपी और रणनीतिकार हैं।