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अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस (12 मई ) पर विशेष कविता और सबा बनी मिसाल

हाथरस, 11 मई।

जीवन में स्वास्थ्य का बहुत महत्त्व है। किसी भी रोग के निदान के लिए जितनी आवश्यकता दवा की होती है। उतनी ही आवश्यकता देखभाल और तीमारदारी की होती है। परिचारिका या नर्स द्वारा की गई देखभाल मरीज को जल्द ठीक कर देती है। नर्स दिवस परिचारिकाओं का आभार व्यक्त करने का महत्वपूर्ण दिन है जिसे प्रत्येक वर्ष 12 मई को मनाया जाता है।

जनपद हाथरस में बागला जिला अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स कविता और सबा फारूक की तैनाती इमरजेंसी में हैं। यह  दोनों यहां आने वाले मरीजों, घायलों का उपचार करने में चिकित्सकों की सहायता करतीं हैं। इनके व्यवहार से सभी लोग काफी खुश रहते हैं। वहीं, कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान ये स्टाफ नर्सें पूरी तत्परता  से अपने कामों में जुटीं हुईं हैं।  दोनों युवा नर्सें समाज के लिए एक मिसाल हैं कि कैसे हम अपनी चिंता करे बिना दूसरे की हर संभव मदद कर उनकी जिंदगी बचाने में भागीदारी निभा सकें।

स्टाफ नर्स कविता और सबा फारूक का कहना कि हम इन दिनों लगातार इमरजेंसी में तैनात हैं। इमरजेंसी में ड्यूटी देते हुए मरीजों की देखभाल करना उन्हें काफी अच्छा लगता है। इनका कहना है कि इस कार्य के जरिए समाज सेवा का जो अवसर उन्हें मिला है वह किसी भी अन्य क्षेत्र से कम नहीं हैं। हमें और हमारे परिवार को इस सेवा भाव पर गर्व है।

हर वर्ष 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। नर्सें लोगों को स्वस्थ  रहने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। 12 मई का दिन उनके योगदान को समर्पित होता है। पहली बार यह  दिवस वर्ष 1965 में मनाया गया था। 1974 में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की गई। 12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन को ही अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। विश्व सहित हमारे भारत देश में भी नर्सें अपनी अहम भूमिका अदा कर रहीं है।

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